एटीएम
एटीएम (एसिक्रोनस ट्रांसफर मॉड) अथवा पीवीसी (परमानेंट वर्चुअल सर्किट)
(बीएसएनएल का परिपत्र सं. 106-6/99 पीएचसी, दिनांक 15.5.2002)बीएसएनएल ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु स्थित नोड्स पर एटीएम नेटवर्क स्थापित किया है. आरंभ में ई1 और ई3 पोर्टों पर परमानेंट वर्चुअल सर्किट (पीवीसी) ऑफर किए जाएंगे. यहां तक कि सब-ई1 स्पीड के लिए ग्राहक को एक ई1 पोर्ट सब्सक्राइब करना होगा. इसी प्रकार ई1 और ई3 के बीच इंटमीडिएट स्पीड के सब्सक्राइबर को ई3 पोर्ट लेना होता है.
परीक्षण चरण के दौरान एक वर्ष के लिए निम्नलिखित प्रोविजनल टैरिफ ऑफर किया जाता है :-
1. | पंजीकरण शुल्क | रु. 1,000/- (नॉन-रिफंडेबल) |
2. | सिक्योरिटी डिपॉजिट | पोर्ट के एक वर्ष के किराये के बराबर (रिफंडेबल होगा किंतु उस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा). |
3. | पोर्ट का किराया | ई1 पोर्ट के लिए रु. 90,000/- प्रति वर्ष. ई3 पोर्ट के लिए रु. 3,46,000/-
प्रति वर्ष.
टिप्पणी : वार्षिक/त्रैमासिक रुप से अग्रिम भुगतान किया जा सकता है. |
4. | किराये की अवधि | एक वर्ष तथापि, किसी विशेष निर्माण की स्थिति में किराये की न्यूनतम अवधि तीन वर्ष होगी. |
5. | एटीएम मल्टीप्लेक्सर से ग्राहक के परिसर के लिए कनेक्टिविटी | लागू टैरिफ के अनुसार वास्तविक लीज लाइन प्रभार लगाए जाएंगे. |
6. | उपयोगिता प्रभार | उपयोगिता प्रभार ग्राहक द्वारा चुनी गई सेवा, गति और उपयोगिता की अवधि पर आधारित होते हैं. वीबीआर सर्विस के लिए टैरिफ प्लान (नॉन रियल टाइम वेरिएबल दरों को प्रभावित नहीं करते) नीचे दिए गए हैं : |
नेशनल ट्रेफिक के लिए नॉन रियल टाइम वेरिएबल दर तालिकाएं (रु.प्रति घंटा)
कनेक्शन की गति (केबीपीएस) | विभिन्न सर्विसेज के लिए प्रति माह कुल उपयोग (घंटों में) | |||
241-720 | 121-240 | 61-120 | 0-60 | |
घंटे | घंटे | घंटे | घंटे | |
512 | 83 | 187 | 291 | 498 |
576 | 88 | 198 | 308 | 528 |
640 | 92 | 207 | 322 | 552 |
704 | 97 | 218 | 340 | 582 |
768 | 101 | 227 | 354 | 606 |
832 | 106 | 239 | 371 | 636 |
896 | 110 | 248 | 385 | 660 |
960 | 115 | 259 | 403 | 690 |
1024 | 119 | 268 | 417 | 714 |
1544 | 144 | 324 | 504 | 864 |
2048 | 170 | 383 | 595 | 1020 |
अन्य सर्विसेज के लिए नॉन रियल टाइम वेरिएबल की दरें नीचे दिए गए कारकों से गुणा की जाएंगी. एटीएम और संबंधित कारकों पर उपलब्ध सर्विसेज इस प्रकार हैं :
1. | rt– वीबीआर | कारक 1.1 |
2. | सीबीआर | कारक 1.2 |
Notes :
- उपरोक्त तालिका में दिए गए प्रभार बाई-डायरेक्शनल सिमेट्रिक कनेक्शनों के लिए हैं. अन-डायरेक्शनल सिमेट्रिक कनेक्शनों के प्रभार बाई-डायरेक्शनल सिमेट्रिक प्रभारों से 0.6 गुना अधिक होंगे.
- कनेक्शन की प्रत्येक दिशा के लिए बाई-डायरेक्शनल सिमेट्रिक कनेक्शनों के प्रभार अन-डायरेक्शनल कनेक्शन प्रभारों के अनुरु.प होंगे.
- उपरोक्त प्रभार वर्चुअल चैनल कनेक्शनों के लिए हैं. वर्चुअल पाथ कनेक्शनों के लिए प्रभार 1.2 गुना अधिक होंगे.
- इंटरमीडिएट स्पीड जैसे 4 एमबीपीएस, 16 एमबीपीएस और 34 एमबीपीएस के लिए प्रभार, क्रमशः 2, 4, 8, 11 के गुणा कारक 2048 केबीपीएस स्पीड वाले कनेक्शन के लिए लागू दरों के अनुसार होंगे.
- उपरोक्त तालिका में दिए गए प्रभार प्वाइंट-टू-प्वाइंट कनेक्शनों के लिए हैं.
- एक घंटे में पीवीसी (परमानेंट वर्चुअल सर्किट) के उपयोग की न्यूनतम अवधि. एक घंटे से कम अथवा एक घंटे के किसी अंश की अवधि वाले पीवीसी के लिए उक्त कनेक्शन के लिए देय एक घंटे के प्रभार के अनुसार लिए जाएंगे.
- प्रति माह उपयोग ग्राहक द्वारा विभिन्न सर्वेसेज के लिए प्रति माह उपयोग की गई अवधि को जमा करके जाना जाएगा, उसका श्रेणी के बारे में जाना जाएगा कि वह किसमें आती है और उसके बाद विभिन्न सर्विसेज के लिए एक माह की उपयोगिता अवधि (घंटों में) के बारे में अनुमान किया जाएगा.
7. | न्यूनतम उपयोगिता प्रभार | किसी उपभोक्ता को एक माह में न्यूनतम 60 घंटे की अवधि के उपयोग के लिए सब्सक्राइब करना होगा. कम उपयोग की स्थिति में, न्यूनतम उपयोगिता निर्धारित प्रभार अदा करने ही होंगे. |
8. | विविध प्रभार | विविध सेवाओं जैसे पीवीसी कनेक्शनों के बैंडविड्थ में परिवर्तन, वीपीआई (वर्चुअल पाथ एवं इंडेक्स) वैल्यू में परिवर्तन, पीवीसी की एक्टिवेशन/ डीएक्टिवेशन की स्थिति में प्रभार के रु.प में प्रति मद प्रति अनुरोध के लिए रु.3000 की तय राशि ली जाएगी. |
9. इस सेवा के लिए आवेदन करते समय ग्राहक, फ्रेम का आकार और इच्छित औसत गति, जिस पर वह पीसीआर (पीक सैल रेट) भेजने का इच्छुक हो, औसत गति, जिस पर वह एससीआर (सस्टेंड सैल रेट) भेजने का इच्छुक हो, की सूचना दे सकता है, जिससे नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर को सीडीटीवी (सैल डिले वेरिएशन टोलरेंस), एमबीएस (मेक्सिमम बर्स्ट साइज) आदि को परिभाषित करने में सहायता मिलेगी. ग्राहक नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर को अपेक्षित सेवा की श्रेणी के बारे में भी सूचित कर सकता है.